Monday 6 June 2011

kumaarikaa pujana

  कुमारी पूजन 

बोडण तसेच नवरात्री मध्ये कुमारी पूजनाचे विशेष महत्व आहे .नऊ सुवासिनी एक कुमारी फळ समान आहे असे म्हटले जाते .पूजनाची कुमारी कुरूप नसावी ,तसेच रोगरहित असावी .एक वर्षीय कुमारिकेचे पूजन करू नये .दोन वर्षापासून दहा वर्षापर्यंत कुमारी पुजेस योग्य असते .दोन वर्षाची कुमारी सर्व श्रेष्ठ मानतात.दोन वर्षाची 'कुमारी ',तीन वर्षाची त्रिमूर्ती ,चार वर्षाची कल्याणी ,पाच वर्षाची रोहिणी ,सहा वर्षाची काली,सात वर्षाची चंडिका,आठ वर्षाची शांभवी ,नऊ वर्षाची दुर्गा आणि दहा वर्षाची सुभद्रा अशी नावे आहेत .
संपूर्ण मनोरथा साठी ब्राह्मण कुमारी ,यश मिळवण्या साठी क्षत्रिय कुमारी ,धन प्राप्तीसाठी वैश्य कुमारी ,आणि पुत्र प्राप्तीसाठी शुद्र कुमारिकेचे पूजन करावे .
                         मन्त्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूप धारिणीं |
                        नवदुर्गात्मिका  साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम् |
   या मन्त्राने आवाहन करावे .पुढील नाव मंत्रांनी कुमारिकेची गाब्ध ,फुल ,धूप ,दीप , नैवेद्य आणि अलंकारांनी पूजा करावी .
कुमारी मंत्र -
                    जगत्पुज्ये जगद्वन्द्ये  सर्व शक्तिस्वरुपिणी|
                   पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमो ऽस्तुते |
त्रिमुर्ति मन्त्र 
                  त्रिपुरां त्रिपुरधारां त्रिवर्गज्ञानरूपिणीम्|
                 त्रै लोक्य वन्दितां  देवीं त्रिमुर्ति पूजयाम्यहम्|
कल्याणी मन्त्र 
                 कालात्मिकां कालातीतां कारुण्य हृदयां शिवाम्|
                कल्याणजननींदेवीं कल्याणीं  पूजयाम्यहम् |
रोहिणी मन्त्र 
                  अधिमादिगुणाधारामकाराद्यक्षरात्मिकाम् 
                 अनन्तशक्तिकाम  लक्ष्मीं  रोहिणीं पूजयाम्यहम् |
कालिका मन्त्र 
                कामाचारां  शुभां  कान्तां कालचक्रस्वरुपिणीम् |
               कामदां  करुणोदारां कालिकां पूजयाम्यहम् |
चण्डिका मन्त्र 
               चण्डवीरां चण्डमायां  चण्डमुण्डप्रभज्जिनीम् |
             पूजयामि सदा देवीं चण्डिकां  चण्ड विक्रमाम् |
शान्भवी मन्त्र 
             सदानद्करीं शान्तां सर्वदेवनमस्कृताम् 
            सर्व भुतात्मिकां   लक्ष्मीं शाम्भवी पूजयाम्यहम् |
दुर्गा मन्त्र 
             दुर्गमे दुस्तरे कार्ये भव दुःख विनाशिनीम् 
             पूजयामि सदा भक्त्या दुर्गां दुर्गति नाशिनीम |
सुभद्रा मन्त्र 
            सुन्दरीं सुवर्णवर्णाभां सुख सौभाग्य दायिनीम|
             स कुमारी पूजन 

बोडण तसेच नवरात्री मध्ये कुमारी पूजनाचे विशेष महत्व आहे .नऊ सुवासिनी एक कुमारी फळ समान आहे असे म्हटले जाते .पूजनाची कुमारी कुरूप नसावी ,तसेच रोगरहित असावी .एक वर्षीय कुमारिकेचे पूजन करू नये .दोन वर्षापासून दहा वर्षापर्यंत कुमारी पुजेस योग्य असते .दोन वर्षाची कुमारी सर्व श्रेष्ठ मानतात.दोन वर्षाची 'कुमारी ',तीन वर्षाची त्रिमूर्ती ,चार वर्षाची कल्याणी ,पाच वर्षाची रोहिणी ,सहा वर्षाची काली,सात वर्षाची चंडिका,आठ वर्षाची शांभवी ,नऊ वर्षाची दुर्गा आणि दहा वर्षाची सुभद्रा अशी नावे आहेत .
संपूर्ण मनोरथा साठी ब्राह्मण कुमारी ,यश मिळवण्या साठी क्षत्रिय कुमारी ,धन प्राप्तीसाठी वैश्य कुमारी ,आणि पुत्र प्राप्तीसाठी शुद्र कुमारिकेचे पूजन करावे .
                         मन्त्राक्षरमयीं लक्ष्मीं मातृणां रूप धारिणीं |
                        नवदुर्गात्मिका  साक्षात् कन्यामावाहयाम्यहम् |
   या मन्त्राने आवाहन करावे .पुढील नाव मंत्रांनी कुमारिकेची गाब्ध ,फुल ,धूप ,दीप , नैवेद्य आणि अलंकारांनी पूजा करावी .
कुमारी मंत्र -
                    जगत्पुज्ये   जगद्वन्द्ये   सर्वशक्तिस्वरुपिणी|
                   पूजां गृहाण कौमारि जगन्मातर्नमो ऽस्तुते |
त्रिमुर्ति मन्त्र 
                  त्रिपुरां त्रिपुरधारां त्रिवर्गज्ञानरूपिणीम्|
                 त्रै लोक्य वन्दितां  देवीं त्रिमुर्ति पूजयाम्यहम्|
कल्याणी मन्त्र 
                 कालात्मिकां कालातीतां कारुण्य हृदयां शिवाम्|
                कल्याणजननींदेवीं कल्याणीं  पूजयाम्यहम् |
रोहिणी मन्त्र 
                  अधिमादिगुणाधारामकाराद्यक्षरात्मिकाम् 
                 अनन्तशक्तिकाम  लक्ष्मीं  रोहिणीं पूजयाम्यहम् |
कालिका मन्त्र 
                कामाचारां  शुभां  कान्तां कालचक्रस्वरुपिणीम् |
               कामदां  करुणोदारां कालिकां पूजयाम्यहम् |
चण्डिका मन्त्र 
               चण्डवीरां चण्डमायां  चण्डमुण्डप्रभज्जिनीम् |
             पूजयामि सदा देवीं चण्डिकां  चण्ड विक्रमाम् |
शान्भवी मन्त्र 
             सदानद्करीं शान्तां सर्वदेवनमस्कृताम् 
            सर्व भुतात्मिकां   लक्ष्मीं शाम्भवी पूजयाम्यहम् |
दुर्गा मन्त्र 
             दुर्गमे दुस्तरे कार्ये भव दुःख विनाशिनीम् 
             पूजयामि सदा भक्त्या दुर्गां दुर्गति नाशिनीम |
सुभद्रा मन्त्र 
            सुन्दरीं सुवर्णवर्णाभां सुख सौभाग्य दायिनीम|
             सद्रजननीं  देवीं सुभद्रां  पूजयाम्यहम्|


द्रजननीं  देवीं सुभद्रां  पूजयाम्यहम्|


No comments:

Post a Comment